बुलेट बाइक में पटाखा चलाने पर ₹43.70 लाख जुर्माना, 437 बाइक सवारों पर कार्रवाई
गुड़गांव पुलिस ने सड़कों पर तेज आवाज़ और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर रहे बाइकरों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 437 बाइक राइडर्स पर चालान काटा है। इन पर कुल ₹43.70 लाख का जुर्माना लगाया गया। पुलिस का यह अभियान उन लोगों को निशाना बनाकर चलाया गया जो अपनी बाइक्स में पटाखा साइलेंसर या नॉन-फंक्शनल साइलेंसर लगाकर न सिर्फ ट्रैफिक नियम तोड़ रहे थे, बल्कि सड़कों पर शोर भी फैला रहे थे।

गुरुग्राम में लंबे समय से कुछ युवा बाइकरों द्वारा सड़कों पर जानबूझकर तेज़ और फटाकेदार आवाज़ करने की शिकायतें मिल रही थीं। ये आवाज़ें ज्यादातर मॉडिफाइड या फेक पटाखा साइलेंसर से आती हैं जो बाइक के इंजन के साथ छेड़छाड़ कर के लगाई जाती हैं। ट्रैफिक पुलिस ने इस पर ध्यान देते हुए एक अभियान चलाया और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सीधी कार्रवाई की।
डीसीपी ट्रैफिक ने दी चेतावनी
डीसीपी ट्रैफिक डॉ. राजेश मोहन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गुरुग्राम पुलिस किसी भी वाहन में पटाखा या प्रेशर हॉर्न लगाने की अनुमति नहीं देती। उन्होंने कहा, “जो कोई भी इस तरह की हरकत करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और ध्वनि प्रदूषण से जुड़ा हुआ मुद्दा है।
जागरूकता भी साथ-साथ
पुलिस का कहना है कि केवल चालान करना ही मकसद नहीं है, बल्कि आम लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना भी जरूरी है। इसलिए सोशल मीडिया, रोड कैम्पेन और अन्य माध्यमों के जरिए लगातार लोगों को यह बताया जा रहा है कि ऐसे मॉडिफिकेशन अवैध हैं और इनसे सड़क हादसों की संभावना बढ़ जाती है।
क्यों ज़रूरी थी ये सख्ती?
पटाखा साइलेंसर से निकलने वाली आवाजें सिर्फ कानफोड़ू नहीं होतीं, बल्कि राहगीरों और दूसरे वाहन चालकों को अचानक चौंका देती हैं। इससे कई बार सड़क पर नियंत्रण खोने जैसी स्थिति बन जाती है। साथ ही, ये मॉडिफिकेशन बाइक की तकनीकी संरचना को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
गुड़गांव पुलिस की इस कार्रवाई से एक स्पष्ट संदेश गया है कि ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अब महंगी पड़ सकती है। आगे भी ऐसे मामलों पर नजर रखी जाएगी और ज़रूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।